Saturday 7 May 2011

मैं

क्या है, नहीं जो मेरे पास,
            कुछ तो है, जिसकी मुझे है आस,
पा कर सब कुछ भी,
            क्यों है खाली मेरे हाथ,
होते हुये भी सब के,
              क्यों हूँ, अकेली मैं आज,

6 comments:

  1. रीतिका जी, आपका हिन्दी ब्लॉग जगत मे स्वागत है, किसी भी समस्या के लिए हम आपसे एक ईमेल की दूरी पर हैं|

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  2. वाह! बहुत खूब! बधाई ब्लाग शुरु करने के लिये। लिखती रहें। :)

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  4. ओह. कितना दर्द है रितिका जी आपकी कविता में. वाह. वाह.

    बहुत दिनों के बाद एक अच्छी कविता पढ़ीको मिली है. धन्यवाद.

    आपकी कविता से एक पुराना शेर याद आ गया. ये किस गम की कसक बाकी है मन में, जो हँसते हँसते भी निकल आते हैं आंसू.

    रितिका जी अगर हिंदी में कुछ बेहतरीन पढने की इच्छा रखती हैं तो आपका स्वागत है - के. डी. परिवार में. के. डी. परिवार सफलता की शिक्षा व् ज्ञान को समर्पित एक परिवार है जिसका मकसद हिंदी में सफलता सम्बन्धी ज्ञान को जन जन तक पहुंचाना है. हमारे ज्ञान अनुसंधान यज्ञ में पधारें.
    http://kdparivar.blogspot.com/

    विपिन कुमार शर्मा

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  5. isse acha to mera blog hai

    www.drmeherprakash.wordpress.com

    waise congrats........best of luck

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  6. आपका हिंदी ब्लॉग्गिंग जगत में स्वागत है...
    किसी भी ब्लॉग्गिंग से सम्बंधित सहायता के लिए मुझे मेल करें...
    और हाँ आपको बताना चाहूँगा कि आप जैसे नवोदित ब्लॉगर के लिए बहुत जल्द एक "हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड"
    प्रकाशित होगी... जिसके लेखन में मेरा भी योगदान रहेगा... तो आप जब चाहें हमसे संपर्क कर सकती हैं तथा
    हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए कोई सुझाव हैं तो भी बता सकती हैं

    मेरा ईमेल है - mbarmate@gmail.com

    mymaahi.blogspot.com
    meri-mahfil.blogspot.com

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